सलग लाइन बरियाणा
चंडीगढ़। बरगाड़ी में हुई श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के बाद कोटकपूरा गोलीकांड की जांच पर पंजाब एंड हरियाना हाईकोर्ट में पंजाब के विवादित पुलिस अधिकारी कुंंवर विजय प्रताप को दिए झटके के बाद अब वह एक और बड़े मामले में फंसते हुए नजर आ रहे हैं। अब कुंवर पर यूपी के दो बड़े नेताओं को झूठे मामले में फंसाकर, उनके दो संबंध पंजाब के बड़े गैंगस्टरों के साथ साबित करने की कोशिश करने का आरोप लगा है। इसका खुलासा पंजाब पुलिस की ब्यूरो आफ इनवेस्टीगेशन की जांच में हुआ है। पंजाब एंड हरियाना हाईकोर्ट में हाल ही में दाखिल की गई रिपोर्ट में कहा कि यह सारा मामला फर्जी है और उन्हें झूठा फंसाया गया है। बता दें कि 15 सितंबर 2017 को अमृतसर के एसएसओसी पुलिस स्टेशन में एक मामला अंडर सेक्शन 364, 381, 386, 387, 212, 216, 216-ए, 414, 416, 120-बी और एनडीपीसी की कई धाराओं और सेक्शनों के साथ दायर किया गया था। इस एफआईआर में यह कहानी बनाई गई थी कि यूपी के सुल्तानपुर के रहने वाले संदीप उर्फ पिंटू तिवाड़ी, भीलीपीत के हरजिंदर सिंह और रुदरपुर के अमनदीप सिंह के सबंध पंजाब के नामी गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी घनशामपुरिया, रणदीप सिंह रिंपल, रूबल उर्फ सांबा, लक्खा, सुक्खा भिखारी, गुरजीत सिंह उर्फ लाडा समेत कई गैंगस्टरों के साथ हैं। वे इन्हें पनाह देते हैं और यहां तक कि उन्हे ड्रग और हथियार भी सप्लाई करते हैं। वहीं पिंटू तिवाड़ी ने गैंगस्टर गोपी घनशामपुरिया को यूपी की एसटीएफ से छुड़वाने के लिए लखनऊ एसटीएफ के मुखी अमिताव जश को एक करोड़ रुपए दिए हैं। इसी दौरान पिंटू तिवाड़ी पंजाब एंड हरियाना हाईकोर्ट चले गए और हाईकोर्ट ने डीजीपी पंजाब को इसकी जांच करने के लिए कहा और डीजीपी पंजाब ने इसकी जांच बीओआई को सौंप दी। अब इस मामले में गठित की गई 3 मैंबरों वाली एसआईटी जिसमें आईजी नागेशवर राओ, मनमोहन कुमार शर्मा और नवीन सैनी ने जो रिपोर्ट पंजाब एंड हरियाना हाईकोर्ट में सौंपी है, उसमें कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। जिसकी बजह से आईजी कुंवर विजय प्रतात बुरे फंस सकते हैं। अब तक जो कहानी निकलकर सामने आई है उसमें हरजिंदर सिंह काहलो भीलीपीत के बसपा के नेता है और पिंटू तिवाड़ी सुल्तानपुर के रहने वाले है और कांग्रेस की टिकट पर इन्होंने शाहजहापुर से चुनाव लड़ा था। अमनदीप सिंह जोकि हरजिंदर सिंह काहलों का जानकार था,ने उन्हें यह फोन पर बताया था कि पंजाब के किसी लडक़े को शाहजहापुर में यूपी की एटीएस ने पकड़ा है क्योंकि अमनदीप सिंह की रिश्तेदारी में रिंपल नाम के गैंगस्टर के साथ थी। रिंपल ने ही अमनदीप को बताया था कि गोपी घनशामपुरिया को यूपी पुलिस ने पकड़ लिया है। अमनदीप ने इस संबंधी पता करने के लिए हरजिंदर सिंह काहलो को कहा था और हरजिंदर सिंह काहलों ने ही आगे फोन पिंटू तिवाड़ी को पता करने के लिए बोल दिया। चूंकि काहलो और पिंटू तिवाड़ी की आपस में अच्छी जान-पहचान थी, इसी बजह से ही काहलो ने पिंटू तिवाड़ी को बोल दिया। आगे उन्होंने कई पुलिस वालों से बात कर काहलो को वापस यह बात बता दी कि यहां पर किसी भी पंजाबी लडक़े को नहीं पकड़ा गया तो एसएसओसी के अधिकारियों ने यूपी एटीएस को इन तीनों के बारे में यह बताया कि इनके सबंध पंजाब के गैंगस्टरों के साथ है। वहीं यूपी एटीएस ने पिंटू तिवाड़ी, काहलो और अमनदीप को लखनऊ में बुलाकर पंजाब पुलिस को सौंप दिया लेकिन जो बात सिट की जांच में सामने आई है कि इन तीनों के पंजाब के किसी भी गैंगस्टर के साथ कोई सबंध नहीं हैं। केवल 12 सितंबर से लेकर 15 सितंबर तक हुई फोन काल के आधार पर ही इन्हें इतने बड़े केस में नामजद कर दिया गया।
आखिर क्यों फंसाया कुंवर विजय प्रताप ने पिंटू तिवाड़ी को
सिट को जो स्टेटमैंट पिंटू तिवाड़ी ने दी है उसमें बड़ा खुलासा सामने आया है कि असल में यूपी में जिस जगह पिंटू तिवाड़ी अपनी राजनीति कर रहे हैं वहां पर डा. संजय सिंह जोकि यूपी के बड़े राजनेता माने जाते है और उन पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके है। उनके राजनीतिक विरोधी है जब कुंवर विजय प्रताप की टीम अमनदीप को पंजाब से गई एक काल की जांच कर रहे थे तो जांच करते-करते यह फोन काल पिंटू तिवाड़ी तक पहुंच गई। जब पिंटू तिवाड़ी के बारे में कुंवर विजय प्रताप को पता चला तो उन्होंने यूपी में मिले एक राजनीतिक इशारे पर ही पिंटू तिवाड़ी को एक केस में शामिल कर लिया। बीओआई की सिट के सामने भी सारी सच्चाई आ गई हालांकि रिपोर्ट कुंवर विजय प्रताप के नाम पर खामोश है, लेकिन कुंवर विजय प्रताप की टीम ने पूरी कहानी सिट को बता दी कि उन्होंने किसके कहने पर यह सब कुछ किया है। क्योंकि अभी सिर्फ पिंटू तिवाड़ी को ही कलीन चिट्ट दी गई है क्योंकि अभी सिर्फ पिंटू ही अकेले अदालत गए थे।
कुंवर विजय प्रताप ने लगाए थे यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप
जब यह केस सामने आया था तो उस समय कुंवर विजय प्रताप ने यूपी के पुलिस अधिकारी अमिताब यश पर एक करोड़ रुपए लेकर गोपी को छोडऩे का आरोप लगाया था, इस सिट की रिपोर्ट में भी यह बात साफ कर दी गई है कि इस मामले में यूपी पुलिस के एडीजीपी ला एंड आर्डर ने भी एक जांच की थी और उसमे यह बात सामने आई थी कि यूपी पुलिस ने कभी गोपी को पकड़ा ही नहीं तो फिर छोड़े जाने की बात तो साबित ही नहीं होती। बताया जा रहा है कि इस केस में जब अदालत का फैसला सामने आ जाएगा तो यूपी में भी कुंवर विजय प्रताप की मुशकिलें बढ़ सकती है।
अभी कुछ नहीं-पिंटू तिवाड़ी
इस सबंधी जब दि एडिटर ने पिंटू तिवाड़ी के साथ संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि अभी मामला अदालत में लंबित है, फैसले के बाद ही सब खुलासे करेगें। इस मामले में पक्ष जानने के लिए आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह से संपर्क करने की वार-वार कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका।