-धान की भराई के लिए बारदाना पड़ा कम, आढती प्रेशान
चंडीगड़/होशियारपुर। धान की फसल को संभालने की आढतियों को बारदाने की किल्लत आनी शुरू हो गई है क्योकि फसल की भराई के लिए जितना बारदाना (बोरियां) मंडी में आढतियों को चाहिए उतनी इस समय उपलब्ध नहीं है, होशियारपुर में पड़ती आनाज मंडी की ही बात करे तो आढतियां एसोसीएशन के प्रधान सुधीर सूद ने यह मामला जिला फूट सप्लाई कंट्रोलर रजनीश कौर के सामने उठाया है कि अगर आने वाले कुछ ही दिनों में उनहे बारदाना उपलब्ध नहीं करवाया गया तो किसानों से खरीदी गई फसल मंडियों में रुल सकती है जिससे कि किसानों और आढतियों को सीधा आर्थिक नुकसान होगा क्योकि खुले आसमान में फर्श पर पड़ी हुई फसल के चोरी होने और मौस्म खराब होने की हालत में भी खराब होने का डर बना हुआ है। प्रधान सुधीर सूद ने इस बात की पुष्टी की है कि जिले की मंडियों में बारदाने की कमी है जिसे के सरकार तुरंत पूरी करे तां जो किसी को भी नुकसान ना हो। उन्होंने बताया कि जब हमने इस सबंधी डीएफएससी रजनीश कौर से बात की तब उन्होंने आढतियों की मुशकिल को समझते हुए 4 हजार बोरी मंडी में उपलबध करवाई है लेकिन यह नाकाफी है क्योकि भले ही सीज न खतम होने वाला है लेकिन रोजाना जिले की मंडियों में कई टन धान की फसल पहुंच रही है, जिसे संभालना बेहद जरूरी है। इस समय जिले की मुखय आनाज मंडी से लेकर छोटी मंडियों में धान की फसल की भराई के लिए 12 लाख 82 हजार 500 बोरियां और चाहिए। जिला फूड सप्लाई विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस सीजन में जिले के अंदर अलग-अलग मंडियों में धान की फसल की भराई के लिए सरकार की तरफ से 58 लाख 66 हजार 500 बोरियां उपलब्ध करवाई जानी थी, जिनमे से किसान अंदोलन शुरू होने के पहले 44 लाख 83 हजार बोरियां के लगभग तो पंजाब में पहुंच गई लेकिन जो बाकी सप्लाई वेसट बंगाल से होनी थी जिसमे 13 लाख के लगभग बोरियां मौजूद थी वह नहीं पहुंच पाई क्योकि किसान अंदोलन के चलते माल गाडिय़ां पंजाब पहुंचनी बंद हो गई, जिस कारण यह सप्लाई रुकी हुई है। जिला फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्ट्र अभिषेक शर्मा ने कहा कि बारदाने की किल्लत सामने आ रही है, उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस मामले में प्रयास कर रही है और सरकार जलद इस मामले को सुलझा लेगी, वही किसान नेता गुरदीप सिंह और परविंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने साजिश तहत बारदाना रोका है लेकिन वह किसानों के संघर्ष को दबा नहीं सकेगे।
-धान की भराई के लिए बारदाना पड़ा कम, आढती प्रेशान
-धान की भराई के लिए बारदाना पड़ा कम, आढती प्रेशान
चंडीगड़/होशियारपुर। धान की फसल को संभालने की आढतियों को बारदाने की किल्लत आनी शुरू हो गई है क्योकि फसल की भराई के लिए जितना बारदाना (बोरियां) मंडी में आढतियों को चाहिए उतनी इस समय उपलब्ध नहीं है, होशियारपुर में पड़ती आनाज मंडी की ही बात करे तो आढतियां एसोसीएशन के प्रधान सुधीर सूद ने यह मामला जिला फूट सप्लाई कंट्रोलर रजनीश कौर के सामने उठाया है कि अगर आने वाले कुछ ही दिनों में उनहे बारदाना उपलब्ध नहीं करवाया गया तो किसानों से खरीदी गई फसल मंडियों में रुल सकती है जिससे कि किसानों और आढतियों को सीधा आर्थिक नुकसान होगा क्योकि खुले आसमान में फर्श पर पड़ी हुई फसल के चोरी होने और मौस्म खराब होने की हालत में भी खराब होने का डर बना हुआ है। प्रधान सुधीर सूद ने इस बात की पुष्टी की है कि जिले की मंडियों में बारदाने की कमी है जिसे के सरकार तुरंत पूरी करे तां जो किसी को भी नुकसान ना हो। उन्होंने बताया कि जब हमने इस सबंधी डीएफएससी रजनीश कौर से बात की तब उन्होंने आढतियों की मुशकिल को समझते हुए 4 हजार बोरी मंडी में उपलबध करवाई है लेकिन यह नाकाफी है क्योकि भले ही सीज न खतम होने वाला है लेकिन रोजाना जिले की मंडियों में कई टन धान की फसल पहुंच रही है, जिसे संभालना बेहद जरूरी है। इस समय जिले की मुखय आनाज मंडी से लेकर छोटी मंडियों में धान की फसल की भराई के लिए 12 लाख 82 हजार 500 बोरियां और चाहिए। जिला फूड सप्लाई विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस सीजन में जिले के अंदर अलग-अलग मंडियों में धान की फसल की भराई के लिए सरकार की तरफ से 58 लाख 66 हजार 500 बोरियां उपलब्ध करवाई जानी थी, जिनमे से किसान अंदोलन शुरू होने के पहले 44 लाख 83 हजार बोरियां के लगभग तो पंजाब में पहुंच गई लेकिन जो बाकी सप्लाई वेसट बंगाल से होनी थी जिसमे 13 लाख के लगभग बोरियां मौजूद थी वह नहीं पहुंच पाई क्योकि किसान अंदोलन के चलते माल गाडिय़ां पंजाब पहुंचनी बंद हो गई, जिस कारण यह सप्लाई रुकी हुई है। जिला फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्ट्र अभिषेक शर्मा ने कहा कि बारदाने की किल्लत सामने आ रही है, उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस मामले में प्रयास कर रही है और सरकार जलद इस मामले को सुलझा लेगी, वही किसान नेता गुरदीप सिंह और परविंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने साजिश तहत बारदाना रोका है लेकिन वह किसानों के संघर्ष को दबा नहीं सकेगे।