-डेरा सच्चा सौदा मामला पहुंचा चंडीगढ पुलिस के पास, चार प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
चंडीगढ-डेरा सच्चा सौदा का मामला अब पुलिस के पास भी पहुंच गया है, एडवोकेट अशोक कुमार इंसा नाम के डेरा प्रेमी ने कुछ समय पहले डेरे के चार प्रबंधकों जिनमे डा. पृथवी राज, मोहन सिंह,सुखदेव सिंह और जोरा सिंह शामिल है को कानूनी नोटिस भेजा था लेकिन उक्त नोटिस का कोई भी जवाब डेरे के इन प्रबंधकों की तरफ से ना दिए जाने के कारण अब एडवोकेट अशोक कुमार इंसा ने इन चार प्रबंधकों समेत 6 लोगों के खिलाफ एसएसपी चंडीगढ और एसएचओ मलोया पुलिस सटेशन को एक लिखत शिकायत दी है और इन सभी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है। पुलिस को दी शिकायत में एडवोकेट अशोक कुमार इंसा ने कहा है कि 13 मई 2007 की रात को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसा को विवादित पोशाक दोबारा पहिनने के लिए मजबूर करना, 29 अप्रैल 2007 को खीची गई तसवीरों को 14 मई 2007 को अखबारों में प्रकाशित करवाना, विवादित फोटो वाली अखबार बटने से पहले ही सिक्ख संगत की तरफ से डेरा प्रमुख का पुतला फूकने की तैयारी करना और उक्त रोष प्रर्दशन को रोकने के लिए डेरे से जुड़ी संगत को भडक़ाना, जिसके बाद डेरा मुक्खी के खिलाफ पूरे पंजाब में प्रर्दशन शुरू हुए और यह सब कुछ एक योजना के तहित हुआ था, जिसकी चंढीगड़ पुलिस को जांच करनी चाहिए। अपनी शिकायत में अशोक कुमार ने गुरदेव सिंह वासी बठिंडा और जगजीत सिंह वासी बालियावाली नाम के लोगों पर भी दोष लगाए है और कहा है कि इन लोगों ने 14 मई 2007 को बठिंडा पुलिस कार्यलाय के सामने रोष प्रर्दशन करने और मैमोरंडम देने पहुंचने वाली सिक्ख संगत और डेरा प्रेमियों के दरमियान टकराव करवाने के लिए साजिश रची थी। अशोक कुमार ने बताया कि जगजीत सिंह को इस सबके बावजूद डेरे की प्रबंधन समिति का मुखय पद दिया गया और गुरदेव सिंह को राज्य स्तरीय कमेटी का मैंबर नियुक्त किया गया, इस लिए डेरा प्रबंधन समिति का इस दंगे के षडयंत्र में शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अशोक कुमार ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि क्योकि इस मामले में 13 साल के अंदर पंजाब पुलिस कोई कारवाई नहीं कर पाई इस लिए मामले की जांच अब चंडीगढ पुलिस को अपने हाथों में लेनी चाहिए।
डेरा सच्चा सौदा मामला पहुंचा चंडीगढ पुलिस के पास, चार प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
-डेरा सच्चा सौदा मामला पहुंचा चंडीगढ पुलिस के पास, चार प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
चंडीगढ-डेरा सच्चा सौदा का मामला अब पुलिस के पास भी पहुंच गया है, एडवोकेट अशोक कुमार इंसा नाम के डेरा प्रेमी ने कुछ समय पहले डेरे के चार प्रबंधकों जिनमे डा. पृथवी राज, मोहन सिंह,सुखदेव सिंह और जोरा सिंह शामिल है को कानूनी नोटिस भेजा था लेकिन उक्त नोटिस का कोई भी जवाब डेरे के इन प्रबंधकों की तरफ से ना दिए जाने के कारण अब एडवोकेट अशोक कुमार इंसा ने इन चार प्रबंधकों समेत 6 लोगों के खिलाफ एसएसपी चंडीगढ और एसएचओ मलोया पुलिस सटेशन को एक लिखत शिकायत दी है और इन सभी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है। पुलिस को दी शिकायत में एडवोकेट अशोक कुमार इंसा ने कहा है कि 13 मई 2007 की रात को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसा को विवादित पोशाक दोबारा पहिनने के लिए मजबूर करना, 29 अप्रैल 2007 को खीची गई तसवीरों को 14 मई 2007 को अखबारों में प्रकाशित करवाना, विवादित फोटो वाली अखबार बटने से पहले ही सिक्ख संगत की तरफ से डेरा प्रमुख का पुतला फूकने की तैयारी करना और उक्त रोष प्रर्दशन को रोकने के लिए डेरे से जुड़ी संगत को भडक़ाना, जिसके बाद डेरा मुक्खी के खिलाफ पूरे पंजाब में प्रर्दशन शुरू हुए और यह सब कुछ एक योजना के तहित हुआ था, जिसकी चंढीगड़ पुलिस को जांच करनी चाहिए। अपनी शिकायत में अशोक कुमार ने गुरदेव सिंह वासी बठिंडा और जगजीत सिंह वासी बालियावाली नाम के लोगों पर भी दोष लगाए है और कहा है कि इन लोगों ने 14 मई 2007 को बठिंडा पुलिस कार्यलाय के सामने रोष प्रर्दशन करने और मैमोरंडम देने पहुंचने वाली सिक्ख संगत और डेरा प्रेमियों के दरमियान टकराव करवाने के लिए साजिश रची थी। अशोक कुमार ने बताया कि जगजीत सिंह को इस सबके बावजूद डेरे की प्रबंधन समिति का मुखय पद दिया गया और गुरदेव सिंह को राज्य स्तरीय कमेटी का मैंबर नियुक्त किया गया, इस लिए डेरा प्रबंधन समिति का इस दंगे के षडयंत्र में शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अशोक कुमार ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि क्योकि इस मामले में 13 साल के अंदर पंजाब पुलिस कोई कारवाई नहीं कर पाई इस लिए मामले की जांच अब चंडीगढ पुलिस को अपने हाथों में लेनी चाहिए।