-पाकिस्तान की काली करतूत आई सामने, आश्रम से 57 बच्चियां गायब
-सुपरडेंट ने किए बड़े खुलासे, सरकार और पुलिस मामले को दबाने में लगी
-18 अगसत को इमरान खान सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर होगा प्रर्दशन
-सुपरडेंट के घर पर की फायरिंग, काट दिया बिजली-पानी और गैस का कुनेक्शन
लाहौर-पाकिस्तान के लाहौर स्थित आशना आश्रम से मार्च महीने गायब हुई 57 बच्चियों को ढूढने में लाहौर पुलिस अब तक ना-कामयाब रही है, जिस कारण पाकिस्तान में चल रही इमरान खान की सरकार लोगों के निशाने पर है और साथ ही इस मामले को लेकर अंत्रराष्र्टीय सत्र पर भी पाकिस्तान को नामोशी झेलनी पड़ रही है। इस पूरे मामले को उठाने वाली आशना आश्रम की मौजूदा सुपरडेंट अशफा लतीफ और भगत सिंह मेमोरियल फाऊडेशन के चेयरमैन एडवोकेट इमितआज कुरैशी ने 27 जुलाई को लाहौर में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान की तसवीर के साथ-साथ उसके बैट और जीते हुए वर्लड कप की ट्राफी के संकेतक माडल को जलाते हुए पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक गायब हुई बच्चियां मिल नहीं जाती तब तक इमरान खान सरकार का वह हर एक मंच पर विरोध जारी रखेंगे और इसी मामले को लेकर एडवोकेट कुरैशी और अशफा लतीफ देश की समाज सेवी जत्थेबंदियों को साथ लेकर 18 अगसत को इसलामाबाद में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री दफतर के बाहर बड़ा विरोध प्रर्दशन करने जा रहे है।। पाकिस्तान सरकार और लाहौर पुलिस की इस पूरे मामले में भूमिका बड़ी शक्की है क्योकि बच्चियों के गायब होने के बाद जब अशफा लतीफ ने यह मामला सरकार और पुलिस के सामने उठाया तब से लेकर अब तक अशफा लतीफ को प्रेशान करके उनकी आवाज को बंद करवाने की लगातार कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक लाहौर में यह आशना आश्रम है जिसको साल 1974 में सरकार ने बनाया था तां जो लावारिस, यतीम और गरीब परिवार की बच्चियों जिनका पालन-पोषण उनका परिवार नहीं कर सकता उनकी देखरख यहा की जा सके। साल 1974 से लेकर 2019 तक यहा आने वाले बच्चियों के साथ क्या होता रहा यह तो किसी को पता नहीं चला लेकिन जब साल 2019 में उक्त आशना आश्रम में सुपरडेंट की जिंमेवारी अशफा लतीफ़ ने संभाली तो एक बड़े स्कैंडल का खुलासा हुआ, जिसमे सामने आया के वहा रखी गई बच्चियों को पाकिस्तान के बड़े-बड़े नेताओं और अधिकारियो की जरूरत के लिए कथित तौर पर भेजा जाता है और वहा रहने वाली एक युवती जिसका नाम कायनात था उसकी शादी जून 2019 में की गई लेकिन 16 दिसंबर 2019 को उसको अगवा कर लिया गया और दो महीने बाद उसका शव बरामद हुआ जिसको लेकर सुपरिडेंट अशफा लतीफ ने पुलिस को इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की अपील की लेकिन आज तक मृतका के दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई । इसी दौरान वहा रहने वाली एक 19 साल की बच्ची की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई जिसको इंसाफ दिलवाने के लिए भगत सिंह मेमोरियल फाऊडेशन के चेयरमैन एडवोकेट इमितआज कुरैशी अपने साथियों के साथ पाकिस्तान के पंजाब के गवर्नर हाऊस के बाहर प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे लेकिन उनको प्रदर्शन करने से पहले ही सिविल लाइन पुलिस थाने की पुलिस द्वारा ग्रिफतार कर हवालात में डाल दिया गया। इस पूरे मामले सबंधी लाहौर से फोन के जरिए दा इडिटर से बात करते हुए इमितआज कुरैशी ने बताया कि लाहौर स्थित इस आशना आश्रम से गायब हुई बच्चियों को ढूढने और इंसाफ दिलाने में वह अपनी पूरी ताकत लगा देंगे और अगर इस मामले को अंत्रराष्ट्रीय स्तर पर भी लेकर जाना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेगे। इस मामले को उठाने वाली सुपरडेंट अशफा लतीफ ने बताया कि इस समय वह आश्रम में ही उन्हे मिलेअधिकारिक मकान में रह रही है लेकिन उनकी आवाज दबाने के लिए पहले उनके घर पर फायरिंग करवाई गई, इस दौरान 4 जुलाई 2020 को उनके घर की बिजली का कनेक्शन काट दिया गया, इसके साथ-साथ पानी की सप्लाई और गैस कनेक्शन भी काट दिया और इतना ही नही 13 जुलाई 2020 देर रात को जब वह अपने परिवार के साथ सो रही थी तब कुछ अज्ञांत लोग उनके इस आश्रम में घुसे और आश्रम को आग लगाकर फरार हो गए। उन्होंने कहा कि वह मृतक और गायब बच्चियों के मामले को लेकर आखरी दम तक आवाज उठाती रहेगी।
पाकिस्तान की काली करतूत आई सामने, आश्रम से 57 बच्चियां गायब
-पाकिस्तान की काली करतूत आई सामने, आश्रम से 57 बच्चियां गायब
-सुपरडेंट ने किए बड़े खुलासे, सरकार और पुलिस मामले को दबाने में लगी
-18 अगसत को इमरान खान सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर होगा प्रर्दशन
-सुपरडेंट के घर पर की फायरिंग, काट दिया बिजली-पानी और गैस का कुनेक्शन
लाहौर-पाकिस्तान के लाहौर स्थित आशना आश्रम से मार्च महीने गायब हुई 57 बच्चियों को ढूढने में लाहौर पुलिस अब तक ना-कामयाब रही है, जिस कारण पाकिस्तान में चल रही इमरान खान की सरकार लोगों के निशाने पर है और साथ ही इस मामले को लेकर अंत्रराष्र्टीय सत्र पर भी पाकिस्तान को नामोशी झेलनी पड़ रही है। इस पूरे मामले को उठाने वाली आशना आश्रम की मौजूदा सुपरडेंट अशफा लतीफ और भगत सिंह मेमोरियल फाऊडेशन के चेयरमैन एडवोकेट इमितआज कुरैशी ने 27 जुलाई को लाहौर में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान की तसवीर के साथ-साथ उसके बैट और जीते हुए वर्लड कप की ट्राफी के संकेतक माडल को जलाते हुए पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक गायब हुई बच्चियां मिल नहीं जाती तब तक इमरान खान सरकार का वह हर एक मंच पर विरोध जारी रखेंगे और इसी मामले को लेकर एडवोकेट कुरैशी और अशफा लतीफ देश की समाज सेवी जत्थेबंदियों को साथ लेकर 18 अगसत को इसलामाबाद में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री दफतर के बाहर बड़ा विरोध प्रर्दशन करने जा रहे है।। पाकिस्तान सरकार और लाहौर पुलिस की इस पूरे मामले में भूमिका बड़ी शक्की है क्योकि बच्चियों के गायब होने के बाद जब अशफा लतीफ ने यह मामला सरकार और पुलिस के सामने उठाया तब से लेकर अब तक अशफा लतीफ को प्रेशान करके उनकी आवाज को बंद करवाने की लगातार कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक लाहौर में यह आशना आश्रम है जिसको साल 1974 में सरकार ने बनाया था तां जो लावारिस, यतीम और गरीब परिवार की बच्चियों जिनका पालन-पोषण उनका परिवार नहीं कर सकता उनकी देखरख यहा की जा सके। साल 1974 से लेकर 2019 तक यहा आने वाले बच्चियों के साथ क्या होता रहा यह तो किसी को पता नहीं चला लेकिन जब साल 2019 में उक्त आशना आश्रम में सुपरडेंट की जिंमेवारी अशफा लतीफ़ ने संभाली तो एक बड़े स्कैंडल का खुलासा हुआ, जिसमे सामने आया के वहा रखी गई बच्चियों को पाकिस्तान के बड़े-बड़े नेताओं और अधिकारियो की जरूरत के लिए कथित तौर पर भेजा जाता है और वहा रहने वाली एक युवती जिसका नाम कायनात था उसकी शादी जून 2019 में की गई लेकिन 16 दिसंबर 2019 को उसको अगवा कर लिया गया और दो महीने बाद उसका शव बरामद हुआ जिसको लेकर सुपरिडेंट अशफा लतीफ ने पुलिस को इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की अपील की लेकिन आज तक मृतका के दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई । इसी दौरान वहा रहने वाली एक 19 साल की बच्ची की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई जिसको इंसाफ दिलवाने के लिए भगत सिंह मेमोरियल फाऊडेशन के चेयरमैन एडवोकेट इमितआज कुरैशी अपने साथियों के साथ पाकिस्तान के पंजाब के गवर्नर हाऊस के बाहर प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे लेकिन उनको प्रदर्शन करने से पहले ही सिविल लाइन पुलिस थाने की पुलिस द्वारा ग्रिफतार कर हवालात में डाल दिया गया। इस पूरे मामले सबंधी लाहौर से फोन के जरिए दा इडिटर से बात करते हुए इमितआज कुरैशी ने बताया कि लाहौर स्थित इस आशना आश्रम से गायब हुई बच्चियों को ढूढने और इंसाफ दिलाने में वह अपनी पूरी ताकत लगा देंगे और अगर इस मामले को अंत्रराष्ट्रीय स्तर पर भी लेकर जाना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेगे। इस मामले को उठाने वाली सुपरडेंट अशफा लतीफ ने बताया कि इस समय वह आश्रम में ही उन्हे मिलेअधिकारिक मकान में रह रही है लेकिन उनकी आवाज दबाने के लिए पहले उनके घर पर फायरिंग करवाई गई, इस दौरान 4 जुलाई 2020 को उनके घर की बिजली का कनेक्शन काट दिया गया, इसके साथ-साथ पानी की सप्लाई और गैस कनेक्शन भी काट दिया और इतना ही नही 13 जुलाई 2020 देर रात को जब वह अपने परिवार के साथ सो रही थी तब कुछ अज्ञांत लोग उनके इस आश्रम में घुसे और आश्रम को आग लगाकर फरार हो गए। उन्होंने कहा कि वह मृतक और गायब बच्चियों के मामले को लेकर आखरी दम तक आवाज उठाती रहेगी।