रुद्राभिषेक के शुभ फल :-
- ग्रहों द्वारा उत्पन्न दोष समाप्त होते है।
- आर्थिक परेशानियों का समाधान प्राप्त होता है।
- पारवारिक रिश्तों में कुशलता रहेगी।
- शिक्षा , नौकरी एवं व्यापार में सफलता प्राप्त होगी।
- स्वास्थ से जुड़ी परेशानियां समाप्त होंगी।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग महाकाल के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कहा जाता है की यह सभी ज्योतिर्लिंगों में प्रथम स्थान की महत्वता रखता है। यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र नगर में अरब सागर के तट पर स्थित है। कहा जाता है की इस मंदिर में पूजन करने से महादेव की असीम अनुकम्पा की प्राप्ति होती है। यह मंदिर बहुत ही भव्य और सुन्दर है। मान्यताओं के अनुसार सोमनाथ ज्योतिर्लिंग ब्रह्मा जी के सभी सृष्टियों में है। जब इस सृष्टि का अंत होगा और ब्रह्मा जी द्वारा एक नविन सृष्टि का निर्माण किया जाएगा , उसमें भी सोमनाथ मंदिर का स्थान होगा जो की प्राणनाथ के नाम से जाना जाएगा।
कहा जाता है की इस मंदिर पर कुल छे बार आक्रमण हुआ , जिसमें इस मंदिर को लुटा भी गया। परन्तु इस मंदिर की निर्माण शैली इतनी मजबूत है की आज तक कोई इसे नुकसान नहीं पंहुचा सका है। सावन के महीने में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग में शिव का रुद्राभिषेक करवाने से जीवन में आ रही परेशानियों का निवारण होता है। भोलेनाथ बहुत ही सरलता से अपने भक्तों से प्रसन्न हो जातें है। इसलिए जो कोई भी सावन के महीने में पूर्ण निष्ठा से शिव का पूजनकर इस मंदिर में उनका रुद्राभिषेक करता है , उसपर शिव की कृपा सदैव बनी रहती है।
हमारी सेवाएं :
हमारे पंडित जी द्वारा अनुष्ठान से पूर्व संकल्प करवाया जाएगा। साथ ही पूर्ण विधि – विधान से महादेव का पूजनकर रुद्राभिषेक संपन्न किया जाएगा।
प्रसाद :
- सूखा भोग
- बाबा का भस्म
- काला धागा ( हाथ में बांधने हेतु )