सौरव गांगुली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया को काफी मजबूत माना जाता था, लेकिन दादा को मौजूदा वक्त के कई खिलाड़ी बेहद पसंद हैं.
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट आज जिन ऊंचाइयों पर खड़ी है, वहां उसे पहुंचाने का श्रेय सौरव गांगुली (Sourav Ganguly)की कप्तानी को जाता है. टीम इंडिया ने भले ही आईसीसी वर्ल्ड कप पर दोबारा कब्जा 2011 में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni)की कप्तानी में किया, लेकिन विशेषज्ञों ने हमेशा 2003 वर्ल्ड कप में गांगुली की कप्तानी में फाइनल तक पहुंची भारतीय क्रिकेट टीम को उससे ज्यादा मजबूत माना. ठीक यही बात टेस्ट टीम के लिए भी कही जा सकती है.
भले ही भारतीय टीम आज की तारीख में विदेश और देश, दोनों जगह आसानी से जीत रही है, लेकिन इस सफर की शुरुआत ‘दादा’ की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने ही की थी. इसके बावजूद गांगुली मानते हैं कि आज की टीम इंडिया के टेस्ट स्कवॉयड में कुछ चेहरे ऐसे हैं, जो उनकी टीम का हिस्सा बनकर उसे और ज्यादा मजबूत बना सकते थे. वर्तमान में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे सौरव गांगुली ने टेस्ट क्रिकेटर मयंक अग्रवाल (Mayank Aggarwal)को दिए ऑनलाइन इंटरव्यू में ऐसे 5 क्रिकेटरों के नाम बताए हैं.
विराट कोहली और रोहित शर्मा होते दादा की पहली पसंद
सौरव गांगुली ने कहा, ‘मैं अपनी टीम में विराट कोहली (Virat Kohli) को लेना पसंद करता. रोहित शर्मा (Rohit Sharma)को भी अपनी टीम में लेना पसंद करता.’ इसके बाद सौरव ने मयंक अग्रवाल की खिंचाई करते हुए कहा, ‘मैं तुम्हे फिलहाल नहीं चुनता, क्योंकि मेरे पास दूसरे छोर पर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) था. तुम्हें मैं तीसरे ओपनर के तौर पर रखता.’ बता दें कि मयंक ने टीम इंडिया के लिए 11 टेस्ट मैच खेले हैं और वे 3 शतक व 4 अर्धशतक समेत 57.29 के औसत से 974 रन बना चुके हैं. इनमें 243 रन की पारी भी मयंक के नाम पर दर्ज है.
सौरव गांगुली ने कहा, ‘मैं अपनी टीम में विराट कोहली (Virat Kohli) को लेना पसंद करता. रोहित शर्मा (Rohit Sharma)को भी अपनी टीम में लेना पसंद करता.’ इसके बाद सौरव ने मयंक अग्रवाल की खिंचाई करते हुए कहा, ‘मैं तुम्हे फिलहाल नहीं चुनता, क्योंकि मेरे पास दूसरे छोर पर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) था. तुम्हें मैं तीसरे ओपनर के तौर पर रखता.’ बता दें कि मयंक ने टीम इंडिया के लिए 11 टेस्ट मैच खेले हैं और वे 3 शतक व 4 अर्धशतक समेत 57.29 के औसत से 974 रन बना चुके हैं. इनमें 243 रन की पारी भी मयंक के नाम पर दर्ज है.
शमी-बुमराह को रखते अपनी टीम में
गेंदबाजों के बारे में बताते हुए गांगुली ने कहा, ‘मैं जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को लेता. दूसरे छोर पर जहीर खान (Zaheer Khan)था तो ये गजब कॉम्बिनेशन होता.’ इसके बाद गांगुली ने कहा, ‘जवागल श्रीनाथ के संन्यास लेने के बाद मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को भी लेता. वह गजब का गेंदबाज है.’ स्पिनरों के बारे में गांगुली ने कहा, ‘मेरे पास हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) और अनिल कुंबले (Anil Kumble) थे तो मैं आर. अश्विन को तीसरे स्पिनर के तौर पर लेता.’ साथ ही दादा ने कहा, ‘मैं रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को भी लेना चाहता.’
गेंदबाजों के बारे में बताते हुए गांगुली ने कहा, ‘मैं जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को लेता. दूसरे छोर पर जहीर खान (Zaheer Khan)था तो ये गजब कॉम्बिनेशन होता.’ इसके बाद गांगुली ने कहा, ‘जवागल श्रीनाथ के संन्यास लेने के बाद मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को भी लेता. वह गजब का गेंदबाज है.’ स्पिनरों के बारे में गांगुली ने कहा, ‘मेरे पास हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) और अनिल कुंबले (Anil Kumble) थे तो मैं आर. अश्विन को तीसरे स्पिनर के तौर पर लेता.’ साथ ही दादा ने कहा, ‘मैं रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को भी लेना चाहता.’
शमी को नेट पर खेलना बेटी के सवालों के जवाब देने से ज्यादा मुश्किल
मयंक ने गांगुली से कहा कि उनकी बेटी सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय है और बहुत सारे सवाल पूछती है. इसके बाद मयंक ने सवाल पूछा कि वे क्या ज्यादा मुश्किल मानते हैं, अपनी बेटी के सवालों का जवाब देना या शमी की गेंदों का सामना करना. इस पर दादा ने हंसते हुए कहा, ‘निश्चित तौर पर सुबह 9 बजे नेट प्रैक्टिस में शमी की गेंदों का सामना करना मेरी बेटी के सवालों का जवाब देने से ज्यादा मुश्किल है.’
मयंक ने गांगुली से कहा कि उनकी बेटी सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय है और बहुत सारे सवाल पूछती है. इसके बाद मयंक ने सवाल पूछा कि वे क्या ज्यादा मुश्किल मानते हैं, अपनी बेटी के सवालों का जवाब देना या शमी की गेंदों का सामना करना. इस पर दादा ने हंसते हुए कहा, ‘निश्चित तौर पर सुबह 9 बजे नेट प्रैक्टिस में शमी की गेंदों का सामना करना मेरी बेटी के सवालों का जवाब देने से ज्यादा मुश्किल है.’