परमिंदर सिंह बरियाणा
दा एडिटर न्यूज.चंढीगड —– पंजाब के मुखयमंत्री भगवंत सिंह मान ने जालंधर में एक कार्यक्रम के दौरान पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग का नाम लिया और संकेत दिया कि आने वाले दिनों में राजा वडि़ंग के खिलाफ विजीलैंस ब्यूरो पंजाब की बसों की राजस्थान से बाडी लगाने के मामले में कारवाई कर सकती है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से राजा वडि़ंग, मुखयमंत्री भगवंत मान पर राजस्थान और हरियाणा के लोगों को पंजाब में नौकरी देने का आरोप लगा रहे हैं। इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए मुखयमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राजस्थान जाकर बसों की बाडी लगाने के मामले में कुछ दिन इंतजार कर लीजिए, आपके ऊपर बड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में बस बॉडी लगाने के लिए कई बाहरी राज्यों के लोग आते हैं और आप बाहर जाकर बाडी लगा रहे है। साल 2021 में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुखय मंत्री के पद से हटाकर कांग्रेस हाईकमांड ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुखय मंत्री बनाया था, उस समय ट्रांसपोर्ट विभाग अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग को दिया गया था और इनके कार्यकाल के दौरान रोडवेज के लिए बसें खरीदी गईं और राजा वडि़ंग के कार्यकाल के दौरान सैकड़ों की संखया में परमिट दिए गए थे।

कई करोड़ का घोटाला
पंजाब विजीलेंस ब्यूरो और पंजाब सरकार के सूत्रों के मुताबिक, जब अमरेंद्र सिंह राजा वडि़ंग पंजाब के परिवहन मंत्री थे, तब उनके कार्यकाल में 841 बस चैसी खरीदी गई थी, पता चला है कि एक चैसी की कीमत करीब 26 लाख रुपये थी, सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले इन चेसी की खरीद में कमिशन का बड़ा खेल खेला गया। आमतौर पर किसी भी कंपनी से थोक में कोई भी चीज खरीदने पर हर कंपनी बड़ा डिस्काउंट देती है, जबकि जो 841 चैसी खरीदी गई थी, वे फुल रेट पर खरीदी गई थी। सूत्रों की मानें तो एक चैसी के पीछे 2 से 4 लाख रुपये तक का कमिशन दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 841 बसों की चैसी को बाडी लगाने का ठेका राजस्थान के जयपुर की बीएमएमएस कंपनी को 11.98 लाख रुपए प्रति चैसी दिया गया, जबकि पंजाब की कई बॉडी इंस्टालेशन कंपनियों ने इससे कई गुना कम रेट दिए थे। एक निजी कंपनी के मालिक ने बताया कि आमतौर पर एक सेमी-डीलक्स चैसी के लिए 6 लाख से 7 लाख रुपए लेकर बाडी लगाई जाती है जबकि यह विवादित ठेका साधारण बॉडी लगाने के लिए 11.98 लाख रुपये में दिया गया था। पता चला है कि इन बसों में लगाई जाने वाली चैसी में प्रति बस 4 से 5 लाख रुपए तक का कमिशन लिया गया था, इस तरह बाडी लगाने के मामले में 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का अनुमान लगाया जा रहा है।
रूट परमिट में भी धोखाधड़ी
अमरेंद्र सिंह राजा वडि़ंग ने मंत्री रहते सैकड़ों रूट परमिट बांटे थे, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जो रूट परमिट बांटे गए थे, उनका एक बड़ा हिस्सा अपने चहेतों को बांट दिया गया था, विजीलेैस ब्यूरो इसकी भी जांच कर रही है।
सीएम का नहीं किसी और का हाथ?
जब भगवंत मान की सरकार बनी, तभी से यह मामला उठना शुरू हो गया था, पंजाब के तत्कालीन परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने भी कई बार यह कहा था कि बसों में बॉडी लगाने के मामले में बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी जांच चल रही है। यह भी पता चला है कि इस मामले को लेकर विजिलेंस ब्यूरो को भी अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं, विजिलेंस ब्यूरो ने उन शिकायतों पर जांच भी शुरू कर दी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस बात की काफी चर्चा रही कि अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुखयमंत्री भगवंत मान के पैरों में हाथ रख दिया है और इसकी झलक जालंधर चुनाव में साफ तौर पर देखने को मिली जब राजा वडि़ंग ने ये चुनाव कांग्रेस की बजाए सरकार के साथ मिलकर लड़ा, इस बीच ये चर्चा भी चल रही है कि राजा वडि़ंग की डील दिल्ली के एक नेता से हो गई है, अब मुखयमंत्री के इस ताजा बयान से ये साबित हो गया है कि राजा वडि़ंग ने उनके नहीं बल्कि किसी और के पैरों को हाथ लगाया है?
वडि़ंग के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है
सरकार के बेहद करीबी सूत्रों के मुताबिक विजीलेंस ब्यूरो अगले कुछ दिनों में अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है, हालांकि इससे पहले चर्चा थी कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात चलने के कारण कारवाई नहीं हो रही।